शिक्षकों की सैलरी में सीधे 10000 रुपए की बढ़ोतरी, अब गृह जिले में भी मिलेगी नियुक्ति

उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने अपनी पहली ही बैठक में प्रदेश में करीब 22 हजार रिक्त पदों को भरने, सेवायोजन कार्यालयों को आउटसोर्सिंग एजेंसी की तरह इस्तेमाल करने और अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने जैसे नौजवानों को लुभाने वाले कई फैसले किये। बताया गया कि अतिथि शिक्षकों का वेतन 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यरत अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर उनके गृह जिलों में ही नियुक्ति दी जाएगी तथा इनके पदों को रिक्त नहीं समझा जायेगा।

मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में रविवार रात हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में लगभग 20-22 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग की रिक्तियों सहित सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने जिला रोजगार कार्यालय को जिले की आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी जिससे नौजवानों को उन्हीं के जिलों में रोजगार मिल सके।

उन्होंने कहा कि राजकीय पॉलिटैक्निक में कई सालों से संविदा कार्मिकों के रूप में कार्य कर रहे ऐसे कर्मियों की सेवा को भी पूर्व की भांति रखा जाएगा जिनकी सेवा में व्यवधान आ गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मनरेगा कर्मियों को हड़ताल की अवधि का वेतन भुगतान भी किया जाएगा। इसके साथ ही मनरेगा कर्मियों के रिक्त पदों पर भी बाह्यस्रोत के माध्यम से भर्ती की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के ग्रेड वेतन के मसले के समाधान के लिए मंत्रिमंडल ने मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, उपनल कार्मिकों की मांगों को लेकर मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में भी कैबिनेट उपसमिति के गठन को मंजूरी दे दी गयी है। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने बैठक में छह संकल्प भी पारित किए जिनमें युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु उन्हें शासकीय सेवाओं के अलावा उन्हें स्वरोजगार के माध्यम से उद्यमी बनाने के अवसर भी उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जाहिर की गयी।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन सुनिश्चित करने, सूचना एवं प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक इस्तेमाल से राज्य की जनता को पारदर्शी, संवेदनशील एवं त्वरित सेवाएं प्रदान करने, कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण एवं जनता की सुविधा हेतु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं सुलभ करने, सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को लाभान्वित करने के लिए शिविर लगाने, विशेष रूप से महिलाओं के स्वावलम्बन हेतु सरकार महिला सशक्तिकरण तथा दलितों एवं पिछड़े कमजोर वर्ग के उत्थान के प्रति सरकार का संकल्प व्यक्त किया गया।

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